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बौद्धगया आंदोलन के समर्थन मे राहुल निहोरे
निहोरे देश के हज़ारो बौद्ध एवं दलित साथियो के साथ इस आंदोलन को विजयी करेंगे
(इंदौर) निहोरे ने बताया कि बोधगया मे महाबोधि मंदिर प्रबंधन को लेकर बौद्ध समाज का आमरण आंदोलन विगत 10 दिनों से चल रहा है जिसमे बहुत से बौद्ध समाज जन कि तबियत खराब हो गयी है
उनके आंदोलनों मे देश के 1 हज़ार से ज़्यदा बौद्ध कमेटीयो संस्थाओ ने अपना समर्थन दिया है
इस आंदोलन कि गंभीरता को समझते हुए पुरी दुनिया के बोधिस्ट देश जापान श्रीलंका थाईलैंड मंगोलिया आदि देशो ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया एवं भारत सरकार से बुद्धिस्ट लोगो कि बात सुनने एवं निराकरण करने का निवेदन किया है
युवा नेता राहुल निहोरे ने देश मे बीजेपी पार्टी एवं इस से संबंधित सभी पार्टियों एवं संघटनो पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है निहोरे ने बोला है कि एक तरफ तो प्रधान मंत्री मोदी से लेकर कोई भी देश का व्यक्ति विदेश जाता है तो गर्व से कहता है हम गौतम बुद्ध के देश से आये है और दूसरी तरफ उसी गौतम बुद्ध कि ज्ञान भूमि पर राजनीती कर रहे है और उन्हें उनके ही आराध्य के मंदिर से बाहर कर दिया गया
आज देश का मिडिया एक तरफ तो महाकुम्भ कि 24 घंटे खबरें दिखा रहा है वहा कि अव्यवस्थाओ को भी सु व्यवस्थित दिखा रहा है वहा हादसों मे मरने वालो को स्वर्ग मोक्छ मे जाना दिखा रहा है मिडिया को न तो जिन परिवारों मे हादसा हुआ ऊनके हालातो से मतलब है न वहा परेशान हो रहे आम जनता से ठीक वैसे ही देश कि मिडिया को बोधगया मे दस दिनों से चल रहे भूख हड़ताल कि कोई खबर नहीं दिखा रहा है देश विदेश से हज़ारो लाखो बुद्धिस्ट एक होकर लड़ाई लड़ रहे है पर मिडिया सिर्फ किसी एजेंडे को पूरा करने मे लगा हुआ है
निहोरे ने माननीय नरेंद्र मोदी जी से पूछा है कि वो इस देश के प्रधानमंत्री है या किसी एक वर्ग के क्योंकि उन्हेंधर्म के आलावा न तो कुछ दिखाई दे रहा है न ही कुछ करने को तैयार है
ये देश विभिन्न जातियों समाजो भाषाओ से मिलकर एक राष्ट्र बनता है पर ऐसा लगता है देश मे अब सिर्फ मनमानी चल रही है
ज़ब पुरी दुनिया को बोधगया का आंदोलन दिख रहा है तो मोदी सरकार और देश कि मिडिया कौन सा चश्मा लगाकर बैठे है क्या मोदी सरकार गौतम बुद्ध के भी इतिहास को मिटाने कि कोशिस कर रही है
राहुल निहोरे ने इस आंदोलन मे समर्थन देने के लिए 5 हज़ार बौद्ध समाज जन को बोधगया ले जाकर इस आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प लिया है